सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्कूल, अस्पताल और हाईवे से हटेंगे आवारा कुत्ते व पशु :अजय कुमार अंबष्ट

दीपक श्रीवास्तव 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्कूल, अस्पताल और हाईवे से हटेंगे आवारा कुत्ते व पशु :अजय कुमार अंबष्ट 
जौनपुर,08 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में आवारा कुत्तों और पशुओं को लेकर गंभीर रुख अपनाया है। इसी दिशा में जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर निकाय प्रभारी एडीएम अजय कुमार अंबष्ट ने शनिवार को जिले के सभी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन की विस्तृत रणनीति पर चर्चा की गई। एडीएम अंबष्ट ने सभी ईओ को निर्देशित किया कि एक सप्ताह के भीतर कार्य योजना तैयार कर उसे अमल में लाया जाए, ताकि जिले में किसी भी सार्वजनिक स्थल, अस्पताल या शैक्षणिक संस्थान के पास आवारा पशु और कुत्तों की समस्या समाप्त की जा सके।
उन्होंने कहा कि यह मामला सीधे जनसुरक्षा और स्वच्छता से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान स्वच्छ भारत मिशन, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, ट्रेनिंग पार्टनर चयन, डस्टबिन वितरण योजना और नगर निकायों की स्वच्छता रैंकिंग सुधार को लेकर भी चर्चा की गई। एडीएम अंबष्ट ने कहा कि स्वच्छता और जनसुरक्षा दोनों प्रशासन की प्राथमिकता में हैं, इसलिए सभी नगर निकाय मिलकर ठोस कार्रवाई करें। एडीएम ने स्पष्ट किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हर कीमत पर किया जाएगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित, स्वच्छ और व्यवस्थित वातावरण मिल सके।
उन्होंने यह भी बताया कि अगले सप्ताह तक जिले के सभी प्रमुख इलाकों  खासकर स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, बाजार क्षेत्र और हाईवे के किनारे  से आवारा जानवरों को हटाने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए पशु चिकित्सकों, नगर निकाय कर्मियों और एनजीओ की टीमों को संयुक्त रूप से लगाया जाएगा। बैठक में सभी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे।

1 टिप्पणी

  1. काम-धाम कुछ करना है नहीं, बस बोलवचन। जनसुरक्षा और स्वच्छता? अरे किस ख़याली दुनिया में रहते हैं ये अधिकारी? पत्रकार बंधु, ज़रा कहिए इन राजाबाबू लोगों से कि कभी ख़ुद ही अपने कार्यालय से एक-दो किलोमीटर रेडियस का निरीक्षण कर लिया करें? देख लें कितनी स्वच्छता है, जनसुरक्षा है। अब तो भेष बदलने की भी ज़रूरत नहीं पड़नी, जैसे राजे-महाराजे के ज़माने में उन्हें भेष बदलकर राज्य के निरीक्षण को निकलना पड़ता था.. क्योंकि उन्हें तो सब पहचान लेते थे।
    नगर के बीचोंबीच, व्यस्ततम शेषपुर तिराहे पर बरसों से नाली बजबजा रही, श्वान-शूकर दिन-रात लोट रहे, गाहे-बगाहे बच्चे-बूढ़े गिरकर अपना हाथ-पैर तुड़वा रहे। स्वच्छता और जनसुरक्षा की बातें सुनकर बस हँसी ही आ रही है।

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