ICSE बोर्ड की 12वीं कक्षा में ऑल इंडिया में तीसरी रैंक हासिल की जौनपुर की अक्षिता ने


दीपक श्रीवास्तव 
ICSE बोर्ड की 12वीं कक्षा में ऑल इंडिया में तीसरी रैंक हासिल की जौनपुर की अक्षिता ने


99.25% अंक प्राप्त कर जिले का बढ़ाया मान 


मेरा सपना है कि मैं एक ऐसी दुनिया में योगदान दूं जहाँ तकनीक और न्याय एक साथ चलें: अक्षिता 

जौनपुर 01 मई।लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, गोमतीनगर की छात्रा अक्षिता श्रीवास्तव ने ICSE बोर्ड की 12वीं कक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.25% अंक प्राप्त किए हैं। इस बेहतरीन प्रदर्शन के साथ उन्होंने ऑल इंडिया तीसरी रैंक हासिल की है।

अक्षिता मूल रूप से जौनपुर जिले की मड़ियाहूं तहसील की बदौवां गांव निवासी हैं। वह स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव की पोती और डॉ. कौशलेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव की पुत्री हैं, जो वर्तमान में एक विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।

उनकी इस ऐतिहासिक सफलता से जौनपुर जिले में गर्व और उत्साह का माहौल है। उज्ज्वल  हिंदुस्तान से बात करते हुए अक्षिता ने बताया कि वह भविष्य में अंतरराष्ट्रीय कानून और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कानून का गहन अध्ययन करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य एक ऐसी वकील बनने का है जो न केवल नियमों को समझे,बल्कि उन्हें मानवीय दृष्टिकोण से भी देखे।

अक्षिता ने आगे कहा, मेरा सपना है कि मैं एक ऐसी दुनिया में योगदान दूं जहाँ तकनीक और न्याय एक साथ चलें। मैं सीमाओं के पार सोचने वाली वकील बनना चाहती हूं, जो कानून को सिर्फ किताबों में नहीं, इंसानियत की रोशनी में देखे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके भीतर एक लेखिका भी बसती है।

मैं कानून, समाज और तकनीक जैसे विषयों पर लिखना चाहती हूँ। जीवन के उन पहलुओं को उजागर करना चाहती हूँ, जिन्हें अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।

अक्षिता खुद को एक "सीमाहीन जिज्ञासु" मानती हैं। उनके अनुसार, मेरे लिए सफलता का मतलब है ज्ञान के हर रास्ते पर चलना और अपनी आवाज़ से समाज में बदलाव लाना। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने
कहा कि लखनऊ में हुई शिक्षा और परिवार का संबल ही उनकी सफलता की बुनियाद है।

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